khajrana
Sunday 26 October 2014
khajrana
khajana
khajrana
सबके दिल पर यूँ ही रची है
तेरे नज़र से प्यार की शबनम
जलते जंगल पर जैसे
बरखा बरसे रुक रुक थमथम
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)